Sunday, September 19, 2010

हैप्पी बर्थडे टू किशु!

विधि की यह कैसी विडंबना है कि जिस दिन को हम महोत्सव की तरह मनाते थे वह दिन अब एक दर्द बन कर रह गया है.मेरे बेटे किसलय, जिसे हम प्यार से किशु कहते थे का जन्म 19 सितम्बर को हुआ था. आज उसकी याद के सिवा हमारे पास कुछ भी नहीं है, फिर भी हमारे ह्रदय से उसके लिए दुआएँ निकलती हैं.परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वह हमारे किशु को पुनः हमारे ही घर में भेजे.

हैप्पी बर्थडे टू किशु!


फिर उन्नीस सितम्बर आया किशु,
हैप्पी बर्थडे टू यू

दीदी अनाथाश्रम जायेगी;
बच्चों से केक कटवाएगी,
वे खुश होकर गाना गायेंगे,
तुम्हारा जन्मदिन मनाएंगे.
तुम कितनों में बाँट गए किशु,
हैप्पी बर्थडे टू यू.

तुम्हारे जन्म के संग - संग;
कितनी खुशियाँ घर आयी थीं,
लोगों ने दी खूब बधाई थी,
दादी ने बाँटी मिठाई थी.
आज सबकुछ याद आ रहा किशु,
हैप्पी बर्थडे टू यू.

उस समय कहाँ था ज्ञात हमें;
इन खुशियों की लम्बी उम्र नहीं,
बीते पलों को याद कर के,
हम सबको आता सब्र नहीं.
तुम जाकर भी नहीं गए किशु
हैप्पी बर्थडे टू यू.
- मम्मा.