Friday, July 31, 2009

बोझिल पल


क्या कहूँ अपने दिल की हालत...
तेरा नहीं होना एक ख्वाब सा लगता है,
डबडबाई आँखों से जिधर देखती हूँ,
दूर तक बस सैलाब सा लगता है.


--किरण सिन्धु

हादसे हमारे जीवन को किस हद तक बदल देते हैं, इसका अनुभव अपने- आप में बहुत दर्दनाक है। वैसे तो सुबह होती है, दिन ढलता है, फिर रात होती है और समय बीतता जाता है, लेकिन जब कोई विशेष अवसर होता है तो यह समय चट्टान बन कर ह्रदय को कुचलने लगता है। सभी यादें आँसू और सिसकियों में बदल जाती हैं। किशु के जाने के बाद त्योहारों से डर लगने लगा है। प्रयेक वर्ष श्रावन में महादेव, भाद्र मास में गणपति एवं कृष्ण, आश्विन में माँ दुर्गा और कार्तिक में छठ माता के स्वागत और पूजन की तैयारियों में वक्त कैसे बीत जाता था, पता ही नहीं चलता था. ह्रदय उमंग से भरा रहता था और चेतना पर ईश्वर के प्रति अखंड विश्वास का साम्राज्य, कहीं कुछ छूट ना जाए...कहीं कोई भूल ना हो जाए. प्रत्येक विधि-विधान को पूरी सावधानी से करने का प्रयास...बस एक ही डर, कहीं कोई अमंगल ना हो जाए. हर क्षण कंठ से एक ही शब्द-ध्वनि -"हे ईश्वर मेरे बच्चों की रक्षा करना!" लेकिन आज सारे तथ्य बदल गए हैं. मन भ्रमित रहने लगा है. कुछ ही दिनों बाद रक्षाबंधन का त्यौहार है. मेरी मुनिया जो वर्षों से दो राखी बांधती आयी थी, कैसे बांधेगी एक ही कलाई पर राखी!!! उसके दुःख का आभास मुझे इतना विह्वल कर रहा है, वह इस दुःख को कैसे सहेगी? हे ईश्वर! उसे शक्ति देना.

हे ईश्वर! उन सभी घरों पर विशेष कृपा करना, उन्हें दुःख सहने की शक्ति देना जिनके बच्चों को आपने अपने पास बुला लिया है.


6 comments:

श्यामल सुमन said...

सम्वेदनाओं की सहज अभिव्यक्ति। मार्मिक।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

Respected Madam

When I know about Kislay Sindhu,I am very shocked .

Bidyakar Prasad (Monu)
Software Engineer
N.Delhi
Ref- Muzaffarpur
Bidyakar_prasad@yahoo.com

Regards
Monu

रश्मि प्रभा... said...

वक़्त ठहर जाता है,पुकार की गूँज रह जाती है.......रह जाती है प्रतीक्षा

ओम आर्य said...

क्या कहूँ अपने दिल की हालत...
तेरा नहीं होना एक ख्वाब सा लगता है,
डबडबाई आँखों से जिधर देखती हूँ,
दूर तक बस सैलाब सा लगता है.

sahi hai kisi kisi ka na hona .....aisa hi ehsas dete hai ......bahut hi dil our aatma ke karib lagi yah rachana.......bahut hi sundar

Unknown said...

SPARSH...............SAMVEDNAA KA
__________DRAVIT KAR DIYA.................