Sunday, September 13, 2009

शक्ति


लहू जब अंगारा बनने लगे;
नसें जब प्रत्यंचा सी तनने लगे,
साँसों में हुंकार भरने लगे,
आँखों से ज्वाला निकलने लगे,
ये आत्म शक्ति कही जाती है,
ये अन्दर हमारे विराजती है।

ये शक्ति प्रसव की पीड़ा में है,
जिससे यह सृष्टि चलायमान है।
ये शक्ति वसुधा के धैर्य में है,
जिस पर यह सृष्टि विद्यमान है।
हमारी क्षमता कही जाती है,
ये अन्दर हमारे विराजती है।

सीता ने जो अग्नि - परिक्षा दी,
यह उसके चरित्र की शक्ति थी।
मीरा ने जब विषपान किया,
यह भक्ति की पवित्र शक्ति थी।
समर्पण है प्रतिकार नहीं जानती है,
ये अन्दर हमारे विराजती है।

प्रबल शक्तियों के समावेश से,
माँ दुर्गा दुर्गनाशिनी बनी.
जया, विजया, आद्या, अभया,
असुरों की संहारिणी बनी.
अम्बे कल्याणी कही जाती हैं,
ये अन्दर हमारे विराजती हैं.

अगर टूट कर तुम बिखरने लगो,
निराशा के भँवर में घिरने लगो,
कोई संगी - साथी नहीं पास हो,
आत्मा की शक्ति को आवाज दो.
अंततः हमें वही काम आती है,
ये अन्दर हमारे विराजती है.

--किरण सिन्धु.

11 comments:

ओम आर्य said...

कोई संगी - साथी नहीं पास हो,
आत्मा की शक्ति को आवाज दो.
अंततः हमें वही काम आती है,
ये अन्दर हमारे विराजती है.
BEHAD PRABHAW KARI RACHANA...... SHAKTI KA UDAGAR KARANE KI KSHAMTA RAKHANE WALI RACHANA............UTAKRISHT RACHANA

संजय तिवारी said...

आपको हिन्दी में लिखता देख गर्वित हूँ.

भाषा की सेवा एवं उसके प्रसार के लिये आपके योगदान हेतु आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ.

वाणी गीत said...

आंतरिक शक्ति की महत्ता से ओतप्रोत इस कविता का बहुत आभार ..!!

रश्मि प्रभा... said...

gr8 didi, kya baat hai....kavi sammelan kee sanjivni bana dijiye ise.....pure prajjwalit swar me

tellmeyourdreams said...

wow kya badhia description hai of the power tht lies within every woman!i wish all men of the world read this and stop ruling women with their physical strenght and ego....

शरद कोकास said...

लेकिन पुरुष तो एक ओर इस शक्ति की पूजा करता है दूसरी ओर उसे पाँव की जूती समझता है यह दोहरे मानदंड क्यों ?

SHASHANK said...

मैडम क्या बात है ? कितनी सुन्दर रचना लिख रही है आप | अबिश्वस्निया मै बता नहीं सकता हूँ की मै कितना खुश हूँ आपको इस रूप में देख कर | भगवान आपका आशीर्वाद मेरे उपर हमेशा बनाये रखे यही कामना है |

शशि "सागर" said...

badee hee sundar aur prernaatmak rachna hai.
achha laga aapko padhna

अरुण चन्द्र रॉय said...

shakti ke sare swaroop se parichay karaya hume ! behad bhavuk aur prernadaaye rachna...

संजय भास्‍कर said...

zindagi dahshatjada ho gai hai....
dher sari subh kamnaye
happy diwali

from sanjay bhaskar
haryana
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

संजय भास्‍कर said...

आपको हिन्दी में लिखता देख गर्वित हूँ.